“समर्पण को अर्पण’ पुस्तक का पुस्तक मेले में हुआ विमोचन


विचारों और घटनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करती पुस्तक समर्पण को अर्पण
नई दिल्ली में विश्व पुस्तक मेले में प्रकाशक ‘ किताबवाले’ द्वारा आयोजित एक समारोह में प्रो. कैलाश भसीन की जीवनी परक आत्मकथा पर उनकी बेटियों श्रीमती विपल बत्रा एवं डा. चारू कालड़ा द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘समर्पण को अर्पण ‘ का विमोचन किया गया ।
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि यह पुस्तक व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि विचारों और घटनाओं का ब्योरा प्रस्तुत करती है। प्रोफेसर कैलाश भसीन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक निष्ठावान कार्यकर्ता हैं विभिन्न प्रकार के दायित्वों का निर्वहन करते हुए देश समाज को उन्होंने अपना तन मन धन सर्वस्व समर्पित किया।उन्होंने कहा कि वह जीवन के बयासी वर्ष पूर्ण कर चुके हैं ऐसे समय में उनके सागर जैसे व्यक्तित्व की कुछ बूँदों स्वरूप व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के प्रसंग पुस्तक के रूप में समाज के समक्ष लाने से अवश्य ही आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा लेगी।
डॉ॰ चारू कालड़ा, जो कि दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, ने पुस्तक के विषय में पाठकों को अवगत कराते हुए कहा कि
इस पुस्तक में 7 खंड है। किस प्रकार उनका शुरुआती सफर राजस्थान में बीता और बचपन में विभाजन की टीस के कुछ किस्से हृदय पटल पर विभाजन की वीभत्स दास्तान को पुनः अंकित करने का प्रयास करते हैं। ।हर खंड उनकी जीवन यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है। यह पुस्तक परिवार और मित्रों द्वारा प्रोफेसर भसीन साथ हुए उनके सुखद अनुभवों का पिटारा भी खोलती है।
दैनिक पंजाब केसरी की निदेशक श्रीमति किरण चोपडा ने कहा कि वह पिता सौभाग्यशाली होते हैं जिनके जीवन के वृतांत का संपादन उनकी बेटियां करें। उन्होंने कहा कि एक निष्ठावान स्वयंसेवक की ध्येय यात्रा को दर्शाने का प्रयास करते प्रसंग पाठकों को अवश्य प्रेरणा देंगे।
राष्ट्रीय कवि संगम के अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल ने भी सम्बोधित किया।समारोह में बड़ी संख्या में लोगों के अलावा विशेष तौर पर सर्वश्री शशि प्रकाश शाही कुलपति मगध विश्वविद्यालय, डॉ महेश चंदवर्मा, कुलपति इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली, डॉ॰ नरेश चन्द गौतम पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की गरिमामय उपस्थिति उल्लेखनीय है ।अंत में श्री मान प्रशांत जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, किताबवाले प्रकाशन ने आगन्तुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया ।