झारखंड प्रदेश शौंडिक संघ ने न्यायमूर्ति लोक नाथ प्रसाद जी के निधन पर संवेदना व्यक्त की

रांची 5 जनवरी 2023 न्यायमूर्ति लोक नाथ प्रसाद जी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए झारखंड प्रदेश शौंडिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता एवं ऑल इंडिया वैश्य महासम्मेलन झारखंड प्रदेश के वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष बीरेंद्र साहु ने बताया कि न्यायधीश न्यायमूर्ति लोक नाथ प्रसाद जी पटना हाई कोर्ट के रांची बैंच से वर्ष 1998 में रिटायर्ड हुवे। उन्हें बिहार सरकार ने तत्कालीन माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव जी के अनुशंसा पर बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया जिसे 15 नवंबर 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने पर उन्होंने झारखंड सरकार की सहमति पर झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का दायित्व लगातार निभाते हुए अक्टूबर 2022 को उनका कार्यकाल समाप्त हुआ। काफी दिनों से अस्वस्थ रहने पर घर पर बीमार चल रहे थे, हॉस्पिटल और घर के सफर करते हुए उन्होंने 4जनवरी शाम को एच ई सी धुर्वा स्थित पारस हॉस्पिटल में उनका निधन हुआ। आज उनके अरगोड़ा हाऊसिंग कॉलोनी स्थित आवास से उनकी अंतिम यात्रा 2: 30बजे दोपहर को हरमू मुक्ति धाम के लिए निकली जहां पर उनका दाह संस्कार संपन्न हुआ। उनके निधन पर पिछड़ा वर्ग ने अपना एक अभिभावक खो दिया है। झारखंड प्रदेश शौंडिक संघ के मुख्य संरक्षक उदय शंकर प्रसाद, संरक्षक अरुण गुप्ता, कुमुद प्रसाद साहू मंटू बाबू, प्रदेश अध्यक्ष दिनेश प्रसाद साहु, प्रदेश महामंत्री उमेश साहु, वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील साहु,प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता बीरेंद्र साहु, प्रदेश कोशाध्यक्ष निशांत गुप्ता, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उदय साहु, रमेश साहु, रमण साहु, मुकेश साहु, रूपेश साहु, प्रेम साहु, कुणाल कुमार बंटी, सतीश गुप्ता, डा राजीव कुमार, डा अंशु साहु, मिथिलेश प्रसाद, विद्याधर साहु, दिलीप नाथ साहु, नवल किशोर प्रसाद, अनूप कुमार लाल, अशोक साहु अंजली ट्रस्ट, निर्मल साहु, राधेश्याम साहु, संजय भगत, कृष्णा मुरारी साहु, गणेश साहु, अखील भारतीय शौंडिक संघ के सभापति प्रो राम अवतार महतो, महामंत्री श्याम सुंदर प्रसाद, सोमेश्वर प्रसाद, दीपक साहु,आलोक शोंडिक, वेद प्रकाश, दीपक प्रसाद, द्वारा शोक व्यक्त करते हुए उनके आत्मा की शान्ति प्रदान करने के लिए भगवान से प्रार्थना कि तथा उनके घर के सदस्यों को इस दुख के समय प्रभू दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे। दुख वयक्त करने वालों का ताता लगातार लगा रहा।

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