जन्मते ही श्री राम लला का सूर्याभिषेक
अयोध्या। 17अप्रैल।दिव्य-भव्य मंदिर में ऊपरी तल से भूतल तक दर्पण दर्पण घूमती टहलती दृश्यमान देवता दिवाकर की प्रतिनिधि किरणें आज मध्य दिवस में जैसे ही रामलला के ललाट पर सुशोभित हुईं टकटकी लगाए हजारों हजार आंखें खुशी से छलछला उठीं।रोम रोम पुलकित हो उठा। मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं की अपरंपार भीड़ इस अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय पल को सहेजने में लगी थी। यही हाल बड़ी बड़ी एलईडी स्क्रीन और अपने घरों में टीवी के सामने बैठे लोगों का भी था।
आज श्रीराम नवमी पर केवल जन्मभूमि मंदिर ही नहीं अपितु पूरी अयोध्या को बहुत ही सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया है। ऐसा हो भी क्यों नहीं आखिर पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद श्रीराम लला के अपने मूल स्थान पर बिराजमान होने के बाद यह पहला जन्मोत्सव है। पहले तय हुआ था कि मंदिर की पूर्णता के उपरांत सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक की व्यवस्था की जाय किंतु साधु-संतों का तर्क था कि जब श्रीराम लला विधि-विधान पूर्वक प्रतिष्ठित हो गये हैं तो सब कुछ विधिवत होना चाहिए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की हरी झंडी मिलने के बाद रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान का वैज्ञानिक दल सूर्य तिलक को मूर्त रूप देने में जुट गया।यह बहुत आसान नहीं था क्योंकि पृथ्वी की गति के हिसाब से सूरज की दिशा और कोण को समन्वित करके किरणों को उपकरणों के माध्यम से ऊपरी तल से राम लला के ललाट तक पहुंचाना था। अंततोगत्वा वैज्ञानिक सफल हुए और पूर्व निर्धारित समय पर75मिलीमीटर टीके के रूप में सूर्य किरणें राम लला के ललाट तक पहुंची। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु बच्चों की तरह किलक उठे। बाल वृद्ध नारी सब एक ही भाव में थे। वैसे आज प्रातः मंगला आरती से ही उत्सव का वातावरण था।
कल से ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय समेत मंदिर व्यवस्था से जुड़े पदाधिकारी सारे काम की निगरानी कर रहे थे। आज राम लला को मंगल स्नान कराकर विशेष रूप से तैयार किए गए नये उत्सव वस्त्र धारण कराए गए। श्रद्धालुओं की भीड़ के दृष्टिगत खास इंतजाम किए गए थे। निर्धारित समय पर जन्म मुहूर्त में सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक होते ही श्रद्धालु आह्लादित हो उठे जयकारों के बीच आरती संपन्न हुई। बाहर आते लोगों को विशेष रूप से तैयार कराया गया धनिया की पंजीरी समेत अन्य प्रसाद बांटा गया श्रीराम लला को भी छप्पन भोग लगाया गया। इन पकवानों को कारसेवकपुरम में ही शुद्धता के साथ तैयार कराया गया था। प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही। बेहतरीन व्यवस्था के बीच सब कुछ कुशलतापूर्वक संपन्न हुआ क्योंकि मंदिर परिसर ही नहीं आज तो पूरा अयोध्या धाम भीड़ भरा था। जगह जगह लगी एलईडी स्क्रीन पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक समेत जन्मोत्सव का सीधा प्रसारण देखा।