गुवाहाटी : श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में लोकमंथन शुरू, पूर्वोत्तर के कलाकारों ने दी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में चार दिवसीय लोकमंथन कार्यक्रम बुधवार की शाम को शुरू हो गया। कार्यक्रम का उद्घाटन असम सरकार के उद्योग और वाणिज्य, सार्वजनिक उद्यम और सांस्कृतिक विभाग के मंत्री बिमल बोरा ने किया।

पूर्वोत्तर क्षेत्र के बौद्धिक मंच (आईएफएनई) की पहल और असम पर्यटन विकास निगम के सहयोग से लोकमंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंत्री बोरा के साथ मणिपुर के राज्यसभा सदस्य महाराजा लीसेम्बा संजाओबा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बौद्धिक प्रमुख असम क्षेत्र के तीर्थांक दास कलिता भी मौजूद थे।

उद्घाटन सत्र को तीर्थांक दास कलिता, राज्यसभा सांसद महाराजा लीसेम्बा संजाओबा और असम सरकार के मंत्री बोरा ने संबोधित करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र की अनेकता को एकता के सूत्र पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन आगामी 24 सितंबर को होगा।कार्यक्रम के तहत शाम 6 से रात 8 बजे तक नृत्य एवं गीत का आयोजन किया गया। जिसमें भक्ति गीत, पूर्वोत्तर के रंग के तहत अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा के विभिन्न नृत्य कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गयी।

रात 8.30 से 10 बजे तक लोकप्रिय गायक नील आकाश और मोंगका लाइहुई ने अपनी प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पूर्वोत्तर के सिक्किम समेत आठों राज्यों के साथ ही देश के अन्य हिस्सों से कई कलाकार और काफी संख्या में मेहमान पहले ही गुवाहाटी पहुंच चुके हैं।

कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन सत्र गुरुवार की सुबह 10 बजे श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित होगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। जबकि, असम और नगालैंड के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा भी विशिष्ट अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। दूसरे दिन के कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार भी शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि इस बार गुवाहाटी में ‘लोकमंथन’ का तीसरा संस्करण आयोजित हो रहा है। इससे पहले 2016 में ‘लोकमंथन’ का पहला संस्करण ‘औपनिवेशिक मुक्त भारतीय मन’ विषय पर ध्यान केंद्रित करने के साथ आयोजित किया गया था। दूसरी ओर, 2018 में आयोजित ‘लोकमंथन’ के दूसरे संस्करण का विषय भारत बोध: जन गण मन था; आइडिया ऑफ इंडिया: नेशन-सोसाइटी-माइंड था।

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