
उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बीफ और किस पार्टी के आयोजन पर सवाल उठाए। साथ ही, संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने के विरोध में प्रोग्राम करने वालो की भी जमकर आलोचना की। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में वेंकैया नायडू ने सभी को ऐसे विवादित आयोजनों से दूर रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, “आप बीफ खाना चाहते हैं, तो खाइए। लेकिन इसके फेस्टिवल का आयोजन क्यों? अगर आप किस करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फेस्टिवल की या किसी की परमिशन की क्या जरूरत?” संबोधन के दौरान नायडू ने कहा, “अफजल गुरु को लीजिए। कुछ लोग उसका नाम जप रहे हैं। यह क्या हो रहा है। उसने हमारी संसद को धमाके में उड़ाने की कोशिश की थी।”
You want to eat Beef, eat. Why Festival? Similarly a Kiss Festival, if you wish to Kiss why you need a festival or anyone's permission. Then you have Afzal Guru. People chanting his name. What is happening? He tried to explode our parliament: VP Venkaiah Naidu pic.twitter.com/m9ggvoYZQA
— ANI (@ANI) February 19, 2018
यह कार्यक्रम आरए पोद्दार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स की ओर से आयोजित हुआ था। वे मुंबई स्थित इस कॉलेज के प्लैटनिम जुबली प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों घर और कॉलेज के माहौल को तनाव रहित बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ पेरेंट्स अपने बच्चे की क्षमता को समझ नहीं पाते हैं। बता दें कि वेंकैया नायडू जब केंद्रीय मंत्री थे, तब भी बीफ विवाद पर उन्होंने खुलकर राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि वे मांसाहार को खूब पसंद करते हैं। सबको अपनी पसंद का भोजन करने का अधिकार है। उन्होंने कहा था कि मुझे कभी किसी ने कुछ भी खाने से नहीं रोका है। भोजन व्यक्तिगत पसंद की चीज है। इससे पहले बीते शनिवार (17 फरवरी) को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने तिरुवनंतपुरम के श्री चिथिरा थिरुनाल मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए धर्म और राजनीति के घालमेल से बचने की नसीहत दी थी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राजनीति को धर्म के साथ और धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। नायडू ने कहा था कि अगर हम वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखते हैं तो फिर कैसे धर्म और जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव किया जा सकता है।