
बोल बिंदास- शंगलू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा प्रशासनिक फैसलों में संविधान और प्रक्रिया संबंधी नियमों के उल्लंघन की बात उजागर करते हुए केजरीवाल सरकार पर सत्ता के दुरूपयोग का आरोप लगाया है.
सितंबर 2016 में तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता में केजरीवाल सरकार के फैसलों से जुडी 404 फाइलों की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था.
दिल्ली में दो सप्ताह बाद 23 अप्रैल को नगर निगम के लिए मतदान होना है।माना जा रहा है कि शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में इस तरह के आरोपों से केजरीवाल की छवि बिगड़ सकती हैं। खास तौर पर आम आदमी पार्टो को इसका खामियाजा दिल्ली नगर निगम के चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।
विपक्षी दलों ने एमसीडी चुनाव में इस मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठाने का फैसला लिया है. हालांकि विपक्ष शुरू से ही केजरीवाल सरकार पर संवैधानिक दायरे से बाहर जाकर काम करने के आरोप लगाता रहा है. वर्तमान चुनाव में हाउस टैक्स खत्म करने की केजरीवाल की घोषणा को भी विपक्ष ने आड़े हाथों लिया था.