
समाजवादी पार्टी (सपा) के एक और विधान परिषद सदस्य ने आज सदन की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया। एमएलसी डॉक्टर सरोजनी अग्रवाल के सपा छोड़ने से पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता आजम खां खेमे को करारा झटका लगा है। उनका कार्यकाल वर्ष 2021 में समाप्त होना था। सरोजिनी प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी और ग्राम्य विकास राज्यमंत्री महेन्द्र सिंह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गईं। सरोजनी अग्रवाल का सपा सरकार के समय मंत्री आजम खां के कारण दबदबा रहा था। वे 1995 में जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। तब से लगातार सक्रिय राजनीति में हैं। मेरठ जिले में सपा का एक बड़ा स्तंभ माना जाता रहा था।
2007 में पहली बार उन्हें मुलायम सिंह यादव ने एमएलसी बनाया था। 1996 से वे सपा की राष्ट्रीय सचिव हैं। अचानक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने से उनके समर्थकों को करारा झटका लगा है। सपा की राजनीति में वे पहले मुलायम सिंह यादव की खास थी। बाद में आजम खां की खास बन गईं। जब भी प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो उनका जलवा रहा। वर्तमान जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह को भी उनका करीबी माना जाता है।
इस्तीफा देने के बाद सरोजिनी ने कहा कि सपा में दो फाड़ होने के बाद उनका पार्टी में मन नहीं लग रहा था, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा, मैं नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) की वजह से दो बार विधान परिषद सदस्य बनी। अब नेताजी पार्टी में सक्रिय नहीं हैं। मेरी किसी से नाराजगी नहीं है। मैं सभी का बहुत सम्मान करती हूं। जब से पार्टी में टूट हुई तब से मुझे बहुत अटपटा लगता था। यह कह सकते हैं कि मेरा मन नहीं लगता था।
बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने इस घटनाक्रम के बारे में कहा कि इससे साबित हो गया है कि आम आदमी ही नहीं बल्कि अन्य विरोधी पार्टियों के नेताओं का भी पीएम मोदी व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह में विश्वास बढ़ा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान सपा के विधान परिषद सदस्य द्वारा इस्तीफा दिए जाने का यह तीसरा मामला है। इससे पहले गत 29 जुलाई को सपा के बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे।