

बोल बिंदास, मुंबई- पूर्व राज्यसभा सांसद एवं एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के चेयरमेन श्री महेशचंद्र शर्मा द्वारा संपादित प. दीनदयाल उपाध्याय संपूर्ण वाङ्गमय का लोकार्पण परम पूज्यस्वामी श्री गोविन्ददेव गिरिजी, गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा और स्वयं महेश चंद्र शर्मा जी की गरिमामयी उपस्थिति में हेमा फाउंडेशन द्वारा मुंबई के बिरला मातुश्री सभागार में आयोजित भव्य कार्यक्रम में किया गया। इस समारोह मेंं जिसमें विद्वान अतिथियों और मुम्बई के सज्जनों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को उद्देश्यपूर्ण सफलता प्रदान की।
कार्यक्रम का शुभारंभ हेमा फाउंडेशन द्वारा निर्मित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘दीना’ के प्रदर्शन से हुआ। उत्कृष्ट अभिनय , संयोजन,निर्देशन से बनी फिल्म ने सभी के मन को प्रफुल्लित कर दिया साथ ही सम्पूर्ण वाङ्गमय तथा दिल्ली में हुए प्रथम लोकार्पण समारोह वाली फिल्म ने कार्यक्रम की सार्थक भूमिका भी दिखा ही दी थी ।

मा. महेश जी ने बहुत ही सारगर्भित नपे तुले शब्दों में दीनदयाल जी के रचित राष्ट्रीय साहित्य तथा उनके कार्यो के बारे में बताया। उन्होंने गोवा और पांडिचेरी की आज़ादी में दीनदयाल जी के योगदान का जिक्र किया। दीनदयाल जी ने सबसे पहले अखंड भारत की आवश्यकता पर बल दिया। महेश जी ने कहा कि दीनदयाल जी मानते थे कि धरती उनके लिए मां के समान है। मां के टुकड़े नही किये जा सकते। दीनदयाल जी ने भारतीय राजनीति के लिए एक दर्शन दिया जिस पर आज देश चल रहा है। दीनदयाल जी के संपूर्ण वांड्गमय पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। सभागार में व्याप्त शांति उनका श्रोताओं के साथ बनी अटूट तारतम्यता को दरसा रहा था ।

श्री गोविन्द गिरी जी महाराज ने दीनदयाल जी के व्यक्तित्व और दर्शन पर अपने अनुभव सांझा किए। गुरुजी ने एक एक घटना ,एक एक पात्र को शब्दों में बोल कर भी हम सभी श्रोताओं के समक्ष सजीव कर दिया उनका उध्बोधन राष्ट्रवाद और आध्यात्मिकता का कुशल संयोजन था।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विद्वान लेखिका , जनसंघ और भाजपा की पूर्व कार्यकर्ता ,गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा जी के व्यक्तित्व ने पूर्णता प्रदान कर दी उनके मुँह से निकला प्रत्येक शब्द एक एक घटना का साक्ष्य था उन्होंने अपने अनुभव , अपने कार्य और अपने संबंधों को पूर्णतया संगठन के प्रति समर्पित किया।
हेमा फाउंडेशन के साथ इस कार्यक्रम में गीता परिवार,परोपकार संस्था,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे अनेक संगठनों का सहयोग रहा !

मंच संचालन हेमा फाउंडेशन की अनिता माहेश्वरी ने किया। कार्यक्रम का समापन वंदेमातरम से हुआ।