
रोंगटे खड़े कर देने वाले निठारी कांड के आठवें मामले में CBI की विशेष अदालत ने सोमवार को उद्योगपति मनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरिंदर कोली को फांसी की सजा सुनाई है। 20 वर्षीय पिंकी सरकार के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के इस मामले में सजा का एलान किया।
इसके साथ ही अदालत ने दोनों पर 35-35 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कोली और पंधेर दोनों को अदालत ने धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई है। फैसला आते ही कोर्ट में मौजूद पिंकी के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। CBI के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि विशेष अदालत ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, रेप की कोशिश और साक्ष्य मिटाने का दोषी करार दिया।
वहीं, उसके मालिक मोनिंदर सिंह पंधेर को हत्या, रेप की कोशिश, सबूत मिटाने में कोली का सहयोग करने का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई। CBI कोर्ट द्वारा फांसी की सजा का ऐलान करते ही ही पंधेर की आंखों से आंसू छलक उठे। वहीं, कोली का चेहरे पर भी निराशा झलकने लगी।
जेपी शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी कोली को सात मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं, मोनिंदर सिंह पंधेर को निठारी के एक मामले में 2009 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। पंधेर की अपील अर्जी पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को खारिज कर दिया था।कोर्ट ने जब कोली से पूछा उसका पक्ष
विशेष CBI अदालत में जब सजा पर बहस पूरी हो गई तो जज ने कोली से पूछा कि वह क्या कहना चाहता है। तब कोली ने कहा कि अब मैं क्या कहूं जब मेरी बात सुनी ही नहीं जाएगी। कोली ने कहा कि कोर्ट CBI के इशारे पर काम कर रही है और जो CBI कहेगी वही कोर्ट करेगी।
संवाददाता, ऋषभ अरोड़ा